
4th पिलर न्यूज,गाजियाबाद
इंदिरापुरम व मोहन नगर चर्च में शुक्रवार को प्रभु यीशु को याद किया गया। दोपहर के समय लोगों ने प्रभु की प्रार्थना की। इंदिरापुरम चर्च में युवाओं ने सुबह के समय संगीत का अभ्यास किया और प्रभु यीशु के उपदेश को पढ़ा। यहां लोग फेस मास्क लगाकर लोग चर्च में पहुंचे और प्रभु के सूली पर चढ़ाए जाने के घटनाक्रम को देखा। इंदिरापुरम चर्च में प्रभु के उपदेश को पढ़कर सुनाया गया। उन्होंने कहा जब पापियों और अत्याचारियों ने मिलकर प्रभु यीशु को तमाम तरह की यातनाएं दी। प्रभु को सूली पर लटकाने से पहले कांटों का ताज तक पहना दिया तो भी उनके मुख से सभी के लिए सिर्फ क्षमा और कल्याण के संदेश ही निकले। यह उनके क्षमा की शक्ति की अद्भुत मिसाल मानी गई। इंदिरापुरम चर्च के फादर केबी जॉर्ज और फादर संजय फ्रॉसिंस ने बताया कि गुड फ्राइडे को जीसस द्वारा मानवता की भलाई के लिए दिए गए बलिदान के रूप में देखा जाता है। यह दिन प्रायश्चित्त और प्रार्थना का दिन है। चर्च परिसर में शाम के समय जुलूस भी निकाला गया। लोगों ने प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाए जाने पर दुख प्रकट किया। सभी लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए प्रार्थना की। वहीं, मोहन नगर के होली एंजिल चर्च में भी दोपहर 3 बजे से प्रार्थना सभा हुई। फादर फ्रेडी ने बताया कि शनिवार रात को भी प्रार्थना होगी और रविवार सुबह को प्रभु के पुनरर्जीवित होने पर विशेष प्रार्थना होगी। कोरोना से बचाव के लिए चर्च में 10 साल से कम और 60 साल से अधिक आयु के लोगों को मना किया गया है।
6 घंटे तक सूली पर लटके रहे थे यीशु
बाइबिल के मुताबिक प्रभु यीशु को पूरे 6 घंटे तक सूली पर लटकाया गया था। चर्च में लोगों ने बताया कि प्रभु यीशु के आखिरी समय में चारों ओर अंधेरा छा गया था। जब यीशु के प्राण निकले तो एक अद्भुत दृश्य सा आया। कब्रों की कपाटें टूटकर खुल गईं। दिन में अंधेरा हो गया। माना जाता है कि इसी वजह से गुड फ्राइडे के दिन चर्च में दोपहर में करीब 3 बजे प्रार्थना सभाएं होती हैं।